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अलोभः परमं वित्तं अहिंसा परमं तपः । अमाया परमा विद्या निरवद्या मनीषिणां ॥

Pankaj Patel 0
अलोभः परमं वित्तं अहिंसा

अलोभः परमं वित्तं अहिंसा परमं तपः ।
अमाया परमा विद्या निरवद्या मनीषिणां ॥

भावार्थ:

लोभी न होना ही वास्तविक धन है और अहिंसा ही सर्वश्रेष्ठ तप है। माया मोह से दूर रहना ही श्रेष्ठतम विद्या है। इस प्रकार का आचारण कर के मनीषि और सज्जन व्यक्ति सदा दोष रहित जीवनयापन करते हैं और समाज में आदर प्राप्त करते हैं।

English

Alobhah paramam vittam ahimsaa paramam tapah.
Amaayaa paramaa vidyaa nirvadyaa maneeshinaam.

Being content with one’s lot and not being greedy is the best form of wealth, practicing non-violence is the best form of religious austerity, and not pursuing any illusions is the supreme knowledge. By practicing all these virtues learned and prudent persons lead a blameless and happy life.

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

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