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शुभ दीपावली

Rahul Kumar 0

दीपावली भारत  में  सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। भारत में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है।

प्राचीन हिंदू ग्रन्थ रामायण  के अनुसार जिस दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे, अयोध्या वासियों ने श्री राम के स्वागत में घी के दीए जलाए। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है इसके पीछे मान्यता यह है की जिस  दिन श्री राम  वापस  आये  थे  उस  दिन  अमावस्या थी इसलिए  कार्तिक मास की काली अमावस्या की रात्रि  को अयोध्या वासियों ने  दीयों की रोशनी से जगमगा दिया था। तब से आज तक भारत  में  प्रकाश-पर्व (दीपावली) हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है।

भारत  में  कई तरह की भाषा बोली जाती है और हर भाषाओं में दीपावली को अलग-अलग नामों से पुकार जाता है जैसे : 'दीपावली' (उड़िया), दीपाबॉली'(बंगाली), 'दीपावली' (असमी, कन्नड़, मलयालम, तमिल:தீபாவளி और तेलुगू), 'दिवाली' (गुजराती, हिन्दी, दिवाली, मराठी:दिवाळी, कोंकणी:दिवाळी,पंजाबी), 'दियारी' (सिंधी:दियारी‎), और 'तिहार' (नेपाली)।

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा:

Zigya Diwaliहिंदु दीपावली को भगवान विष्णु की पत्नी तथा उत्सव, धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ मानते हैं। अधिकांश घरों में दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है। ब्रह्मपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या की इस अंधेरी रात्रि अर्थात अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और और सुंदर तरीके से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं और लोगों को वैभव का आशीष देती है। दीपावली के दिन गणेश जी की पूजा का यूं तो कोई उल्लेख नहीं परंतु उनकी पूजा के बिना हर पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए लक्ष्मी जी के साथ विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की भी पूजा की जाती है।

 

 

वैसे तो कही भी दीपावली मे बोली जाने वाली  किसी प्रार्थना का  उल्लखे  नहीं है l  लेकिन फिर भी कुछ लोग के अनुसार, यह प्रार्थना बोलने से जीवन मे खुशिया आती ।

असतो मा सद्गमय ।
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

अनुवाद:

असत्य से सत्य की ओर।

अंधकार से प्रकाश की ओर।

मृत्यु से अमरता की ओर।(हमें ले जाओ)

ॐ शांति शांति शांति।।

दीपावली का त्यौहार भारत में एक प्रमुख खरीदारी की अवधि का प्रतीक है। उपभोक्ता खरीद और आर्थिक गतिविधियों के संदर्भ में दीवाली, पश्चिम में क्रिसमस के बराबर है। यह पर्व नए कपड़े, घर के सामान, उपहार, सोने और अन्य बड़ी खरीददारी का समय है। इस त्योहार पर खर्च और खरीद को शुभ माना जाता है क्योंकि लक्ष्मी को, धन, समृद्धि, और निवेश की देवी माना जाता है l

हर प्रांत या क्षेत्र में दीपावली मनाने के कारण एवं तरीके अलग हैं पर सभी जगह कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है। लोगों में दीपावली की बहुत उमंग होती है। लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं। मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बांटते हैं,एक दूसरे से मिलते हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनाई जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है।  

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