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अविद्यानाशिनी विद्या भावना भय नाशिनी । दारिद्र्य नाशनं दानं शीलं दुर्गति नाशनं ॥

Pankaj Patel 0
अविद्यानाशिनी विद्या भावना भय नाशिनी ।  दारिद्र्य नाशनं दानं शीलं दुर्गति नाशनं ॥

अविद्यानाशिनी विद्या भावना भय नाशिनी ।
दारिद्र्य नाशनं दानं शीलं दुर्गति नाशनं ॥

भावार्थ:

विद्या प्राप्ति से अज्ञान का नाश होता है तथा स्वयं पर दृढ विश्वास से भय दूर होता है। धन संपत्ति का दान निर्धन और सुपात्र व्यक्तियों को करने से समाज से गरीबी दूर हो जाती है और शीलवान व्यक्ति की दुर्गति नहीं होती है।

English

Avidyaanaashinee vidyaa bhavanaa bhaya naashinee.
daaridrya naashanm daanm sheelm durgati naashnam.

Knowledge eliminates ignorance, and faith in one’s own capacity removes fear. Sharing wealth with the needy by way of donations and charity removes poverty in the society and good moral character and integrity wards off misfortune and penury.

(इससे पहले का सुभाषित – आलस्यं हि मुनष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः । नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वाSयं नाSवसीदति ॥ )

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

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