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मारुत – भारत मे निर्मित एशिया का सबसे पहला बमवर्षक विमान

Rina Gujarati 0
मारुत

मारुत यानि HAL HF-24 मारुत (“स्पिरिट ऑफ द टेम्पेस्ट”) 1960 के दशक का हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड (एचएएल) द्वारा कर्ट टैंक लीड डिजाइनर के रूप में विकसित भारतीय लड़ाकू-बमवर्षक विमान है। यह पहला भारतीय-विकसित जेट विमान है, और परीक्षण चरण से परे और सफल उत्पादन और सक्रिय सेवा में जाने वाला पहला एशियाई जेट लड़ाकू विमान है। 17 जून 1961 को, टाइप 1 ने अपनी पहली उड़ान का संचालन किया; और 1 अप्रैल 1967 को, पहला मारुत आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना को दिया गया था।

मारुत के लिए सुपरसोनिक-सक्षम लड़ाकू विमान के रूप में कल्पना की गई थी, पर यह कभी भी Mach One से अधिक नहीं बन सका। इसकी यह मर्यादा मुख्यतः प्रयुक्त इंजनों के कारण थी, जो कि विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक कारकों की देन थी; बेहतर इंजन या वैकल्पिक पावरप्लांट स्रोत विकसित करने के लिए कई प्रयास किए गए, पर सारे बेकार गए। समकालीन विमान की तुलना में मारुत की लागत और क्षमता की कमी की अक्सर आलोचना की जाती थी।

खास कर भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए कुल 147 Maruts बनाए गए थे। शुरू में एक सक्षम इंटरसेप्टर विमान के रूप में कल्पना की गई थी, पर ज़्यादातर मुख्य रूप से जमीनी हमले के मिशन के लिए इस्तेमाल किया गया था। इस भूमिका में, मारुत को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान युद्ध मे उपयोग मे लाया गया था। विशेष रूप से लोंगेवाला की लड़ाई में मारुत ने प्रमुख रोल निभाया। 1980 के दशक के अंत में धीरे-धीरे करके मारुत को सेवा निवृत्त कर दिया गया।

Rina Gujarati

I am working with zigya as a science teacher. Gujarati by birth and living in Delhi. I believe history as a everyday guiding source for all and learning from history helps avoiding mistakes in present.

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