CBSE
Gujarat Board
Haryana Board
Class 10
Class 12
पिछले वर्षा दीपावली की छुट्टियों में हमारी पाठशाला की तरफ से माउंटआबू के प्रवास का आयोजन किया गया था | प्रवास में हम ५४ विधार्थी और ६ शिक्षक थे |
आबू रोड तक की यात्रा हमने ट्रेन से की | आबू रोड से मौत आबू जाने के लिए हम वहा के परिवहन निगम की बस में सवार हुए | दुर से आबू पर्वत दिखाई दिया | बसा का मार्ग धूमावदार था | बसा की गति भी बहुत धीमी थी | दोनों और भयानक खाइया थी | लेकिन हरियाली और ठड़े पवन के झोके सुख दे रहे थे |
बहुत उचाई पार करने के बाद हमारी बसा रगुनाथ मंदिर के पास खड़ी हो गई | उस समय सबुह के दस बजा रहे थे | उस समय वहा बड़ी चहल-पहल थी | सडको पर मेटाडोर, जीपे और कारे दौड़ रही थी | जगह-जगह रुरिस्ट गाइड-सेटरो, होटलों और यात्री-आवासो के साइन बोर्ड लगे हुआ थे | हम पहले से ही आरक्षिता एक होटल में उतरे | दो कमरे थे जिनमे आधुनिक सभी सुविधाए थी |
भोजन और विश्राम के बाद हम अतिहासिका देलवाड़ा मंदिर देखने गए | वहा की कला देखकर हम दांग रह गए | देवरानी-जेठानी मंदिर सचमुच बहुत सुन्दर है | उनकी नक्काशी और शिल्पी बारीकी देखनेलायक है |
अगले दिन हमने टॉड रोक और पोलो ग्राउंड देखा | फिर हम वशिष्ठाश्रम गए | अचल गठ पर स्थित भतृहरि की गुफा देखी | हम अबुर्दा देवी के मंदिर भी गए | वहा के ऊँचे विशाल घट को बझाया और उसकी मधुरा ध्वनि का आनंद लिया | हमने वहा के भ्रह्माकुमारी ईश्वरीय विधालय की भी मुलाकात ली |
हम वहा तीन दिन रहे | सबने मिलकर खूब आनद किया | उस प्रवास की यादे अभी तक मेरे मन में झाटा है |
निम्नलिखित मुद्दे के सबध में चार-पांच वाक्य लिखिए |
(३) कच्छमे स्थित धार्मिक स्थल :
निम्नलिखित मुद्दे के सबध में चार-पांच वाक्य लिखिए |
(४) कच्छके ऐतिहासिक स्थल :