CBSE
Gujarat Board
Haryana Board
Class 10
Class 12
निम्नलिखित काव्य-पंक्ति का भावार्थ बताइए :
अभी रह तो शुरू हुई है, मंजिल बैठी दुर है |
उजियाला महलो में बंदी, हर दीपक मजबूर है ||
चट्टानों की प्यास कैसे बुझाई जा सकती है ?
कविता के अनुसार अब तक मंदिर, मस्जिद और दिरजाधर आदि के रूपा में भगवान का वटवारा हो चुका है | इसी तरह भिन्न-भिन्न देशो के रूप में धरती और सागर भी वाट लिए गए है |