मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ क्यों कहा है?
मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ इसलिए कहा है, क्योंकि वहाँ एक भाई का न होना घर के वातावरण को दुखी अवश्य बनाता होगा। बहन भी भाई को वहाँ घर में न देखकर दुखी होती होगी। यही कारण है कि कवि ने अपने घर को ‘परिताप का घर’ कहा है।
कविता की अंतिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मनःस्थिति को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है?
कविता की अंतिम 12 पंक्तियों में कवि अपनी यथार्थ स्थिति व मन की दशा को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है। इसका कारण यह है कि वह अपनी सत्य स्थिति को बताकर अपने परिवारजनों को और अधिक दुखी नहीं करना चाहता। अपने बेटे के दुखों को जानकर प्रत्येक माता-पिता दुखी होते हैं। यही स्थिति कवि के परिजनों की भी है। वह अपनी वास्तविकता को छिपा जाता है।
पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?
पिता के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं को उकेरा गया है
1. पिता पूर्णत: स्वस्थ हैं। बुढ़ापे ने उन्हें कभी नहीं सताया।
2. वे दौड़ लगाते तथा दंड लगाते हैं।
3. वे इतने साहसी हैं कि उनके आगे मौत भी घबराती है।
4. वे धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। प्रतिदिन गीता का पाठ करते हैं।
5. वे भावुक प्रवृत्ति के हैं। अपने पाँचवें बेटे को याद करके उनकी आँखें भर आती हैं।
6. वे अपने बेटों-बेटियों से बहुत स्नेह करते हैं।
निम्नलिखित पंक्तियों में ‘बस’ शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए।
मैं मजे में हूँ सही है
घर नहीं हूँ बस यही है
किंतु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से बस विरस है।
(1) बस-केवल - मैं केवल घर में नहीं हूँ।
(2) बस-बेबसी - यह बात मेरे बस की नहीं हैं।
बस-मात्र - बस पाँच रुपए चाहिए।
(3) बस-कारण - इसी बस से
बस-सब - सब बिना रस का हो रहा है।