यदि आपको शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे किसी मित्र का परिचय लोगों से करवाना हो, तो किन शब्दों में करवाएँगे?
यह मेरा मित्र सचिन है। यद्यपि प्रकृति ने इसे देखने की शक्ति से वंचित रखा है, पर यह अपने मन की आँखों से सब कुछ देख लेता है, यहाँ तक कि उसको भी देख लेता है जो हम नहीं देख पाते। मेरा मित्र ईश्वर भक्त है। यह ईश्वर को अपनी अपंगता के लिए कभी नहीं कोसता। यह पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज है। एक बार सुनी बातें यह लंबे समय तक याद रखता है। मेरा मित्र कक्षा का मेधावी छात्र है। इसकी रुचि संगीत में भी है। यह अपने काम स्वयं कर लेता है। एक प्रकार से यह आत्मनिर्भर है। यह एक सच्चा मित्र है। मुझे अपने मित्र सचिन पर गर्व है।
वे किसे और क्यों लेकर आएँगे?
वे उससे क्या-क्या प्रश्न पूछते हैं?
मीडियाकर्मी उस अपंग व्यक्ति से तरह-तरह के प्रश्न करेंगे-
- क्या आप अपाहिज हैं?
- क्या आपका अपाहिजपन आपको दु:ख देता है?
- आपका दु:ख क्या है?
दूरदर्शन वाले दूरदर्शन पर क्या बोलेंगे?
दूरदर्शन वाले दूरदर्शन पर यह बोलेंगे कि हम सबल और सामर्थ्यवान है और सामने बैठा व्यक्ति दुर्बल है। उसमें अहंकार का भाव होता है।
इस कार्यक्रम को सामाजिक उद्देश्य से युक्त बताया गया है जबकि यह बिल्कुल असत्य है। इस कार्यक्रम से किसी सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती। इस कार्यक्रम को देखकर प्रश्नकर्त्ता/संचालक की बुद्धि पर तरस आता है। इस कार्यक्रम में सर्वत्र हृदयहीनता झलकती है। यह पूरी तरह से संवेदनहीन है। इस कार्यक्रम का प्रभाव उल्टा पड़ता है।