वे मस्ती में जीवन क्यों जीते हैं?
वे अपने मन में ठान लेते हैं कि उनका जीवन केवल देश हेतु है। कब, कहाँ और कैसे मृत्यु का आलिंगन करना पड़े इस हेतु उन्हें कोई डर या पछतावा नहीं। वे तो केवल अपने लक्ष्य ‘देश को स्वाधीन करवाना है’ में कामयाब होना चाहते हैं इसलिए मस्त होकर इसके लिए निरंतर कार्यरत रहते हैं।
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