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'इस विजन में ..... अधिक है'- पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?


इन पंक्तियों के द्वारा कवि ने शहरीय स्वार्थपूर्ण रिश्तों पर प्रहार कर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। कवि के अनुसार नगर के लोग आपसी प्रेमभाव के स्थान पर पैसों को अधिक महत्त्व देते हैं। वे प्रेम और सौंदर्य से दूर, प्रकृति से कटे हुए होते हैं। उनके अंदर स्वार्थपन काफी होता है। इसके विपरीत गाँव के लोगो के बीच सच्चा प्रेम और साहनुभूति है। कवि के आक्रोश का मुख्य कारण उसका प्रकृति से बहुत अधिक लगाव हैं।

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अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।


कवि ने अलसी को एक सुंदर नायिका के रुप में चित्रित किया है। उसका शरीर पतला और कमर लचीली है। उसका चित्त अति चंचल और प्रेमातुर है। वह अपने सिर पर नीले फूल लगाकर यह सन्देश दे रही है कि प्रथम स्पर्श करने वाले को हृदय से अपना स्वामी मानेगी। वह सभी को प्रेम का निमंत्रण दे रही है।

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'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?


'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' इस पंक्ति में कवि ने मानव प्रकृति का अति सूक्ष्म वर्णन किया है। यहाँ पर 'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' नगरीय सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन से है। इन पंक्तियों के द्वारा कवि यह कहना चाह रहा है कि सभी कुछ पाने के बाद भी मानव की इच्छाएँ कभी ख़त्म नहीं होती हैं।

 

 

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सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?


यहाँ सरसों के सयानी से कवि यह कहना चाहता है कि सरसों की फसल अब पूरी तरह तैयार हो चूकी है अर्थात् वह परिपक्व होकर कटने को पूरी तरह तैयार है।

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अलसी के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?


कवि ने 'अलसी' के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि उसने हठ कर रखा है कि वह अपना दिल उसे ही देगी जो उसके सिर पर रखे नीले फूल को छुएगा। दूसरा, वह चने के पौधों के बीच इस प्रकार उग आई है मानों ज़बरदस्ती वह सबको अपने अस्तित्व का परिचय देना चाहती है। तीसरा, वह हवा के ज़ोर से बार-बार नीचे झुक जाती है परन्तु फिर वह नीला फूल सिर पर रख खड़ी हो जाती है।

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