‘मरजादा न लही’ के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?
गोपियों ने श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम के कारण अपना सब सुख-चैन खो दिया था। उन्होंने घर-बाहर का विरोध करते हुए अपनी मान-मर्यादा की परवाह भी नहीं की थी जिस कारण उन्हें सबसे भला-बुरा भी सुनना पड़ा था। पर जब श्रीकृष्ण ने ही उन्हें उद्धव के माध्यम से योग-साधना का संदेश भिजवा दिया था तब उन्हें ऐसा लगा था कि कृष्ण के द्वारा उन्हें त्याग देने से तो उनकी पूरी मर्यादा ही नष्ट हो गई थी। उनकी प्रतिष्ठा तो पूरी तरह से मिट ही गई थी।
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