शास्त्रीय संगीत में लता का कौन-सा स्थान है?
एक प्रश्न उपस्थित किया जाता है कि शास्त्रीय संगीत में लता का स्थान कौन-सा है। लेखक के मत से यह प्रश्न खुद ही प्रयोजनहीन है। उसका कारण यह है कि शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में तुलना हो ही नहीं सकती। जहाँ गंभीरता शास्त्रीय संगीत का स्थायीभाव है, जलद लय, चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुणधर्म है। चित्रपट संगीत का ताल प्राथमिक अवस्था का ताल होता है, जबकि शास्त्रीय संगीत में ताल अपने परिष्कृत रूप में पाया जाता है। चित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है। उसकी लयकारी बिलकुल अलग होती है, आसान होती है। यहाँ गीत और आघात को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है। सुलभता और लोच को अग्र स्थान दिया जाता है तथापि चित्रपट संगीत गाने वाले को शास्त्रीय संगीत की उत्तम जानकारी होना आवश्यक है और वह लता के पास निसंशय है।
दोनों प्रकार के संगीत के बारे में लेखक के विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।
लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म क्या है?
लेखक के मत में लता के गायन से चित्रपट संगीत पर क्या प्रभाव पड़ा है, साथ ही लोगों के दृष्टिकोण में भी क्या अंतर आया है?
लेखक के विचार में शास्त्रीय गायक किस प्रवृत्ति के हैं?