Advertisement

आशय स्पष्ट करें-
सस्मित-वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है।
तट पर खड़ा गगन-गंगा के मधुर गीत गाता है।


‘सस्मित-वदन’ से आशय है चेहरे पर मुस्कराहट लिए हुए। रात्रि के शांत वातावरण में जगत का स्वामी परमात्मा धीमी गति से आता जान पड़ता है। वह समुद्र-तट पर आकाश गंगा के गीत गाता प्रतीत होता है। कवि को इस प्रकार का आभास होता है।

430 Views

Advertisement

कविता में कई- स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। एसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखो।


पथिक का मन कहाँ विचरना चाहता है?


आशय स्पष्ट करें-
कैसी मधुर मनोहर उज्ज्वल है यह प्रेम-कहानी।
जी में है अक्षर बन इसके बनूँ विश्व की बानी।


सूर्योदय वर्णन के लिए किस तरह के बिंबों का प्रयोग हुआ है?


First 1 Last
Advertisement