आशय स्पष्ट करें-
कैसी मधुर मनोहर उज्ज्वल है यह प्रेम-कहानी।
जी में है अक्षर बन इसके बनूँ विश्व की बानी।
समुद्र-तट पर प्रकृति का दृश्य इतना मनोहारी दै कि यह एक प्रेम-कहानी के समान प्रतीत होता है। सारा वातावरण रोमांटिक है। कवि भी इसका एक अभिन्न अंग बनना चाहता है। यहाँ से प्रेरणा लेकर वह काव्य-रचना करना चाहता है। यहाँ से प्रेरणा लेकर वह काव्य-रचना करना चाहता है। वह विश्व की वाणी बनना चाहता है।
पथिक का मन कहाँ विचरना चाहता है?
आशय स्पष्ट करें-
सस्मित-वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है।
तट पर खड़ा गगन-गंगा के मधुर गीत गाता है।
सूर्योदय वर्णन के लिए किस तरह के बिंबों का प्रयोग हुआ है?
कविता में कई- स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। एसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखो।