लेखिका मियाँ नसीरुद्दीन के पास क्यों गई थीं?
लेखिका मियाँ नसीरुद्दीन के पास इसलिए गई ताकि वह उसकी नानबाई कला के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके । जब उसने एक मामूली अँधेरी-सी दुकान पर पटापट आटे का ढेर सनते देखा तो वह अपनी उत्सुकता रोक न सकी । उसे पता चला कि वह खानदानी नानबाई मियाँ नसीरुद्दीन की दुकान पर खड़ी है तो वह उसके बारे में जानने को उत्सुक हो उठी और उसके पास जा पहुँची ।
पाठ में मियां नसीरुद्दीन का शब्दचित्र लेखक ने कैसे खींचा है?
बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरुद्दीन की दिलचस्पी क्यों खत्म होने लगी?
मियां नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा गया है?