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‘रजनी’ धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या है? क्या होता अगर-
(क) अमित का पर्चा सचमुच खराब होता।

(ख) संपादक रजनी का साथ न देता।


इस कड़ी की मुख्य समस्या शिक्षा जगत में व्यवसायिकता का हावी होना है, जिसमें बच्चों को ट्यूशन कराने के लिए बाध्य किया जाता है और न कराने पर कम अंक दिए जाते हैं।

(क) यदि अमित का पर्चा सचमुच खराब होता तो यह समस्या उभर नहीं पाती।

(ख) संपादक यदि रजनी का साथ न देता तो यह समस्या इतनी ताकत से उभर नहीं पाती और सफलता संदिग्ध रहती।

 

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गलती करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता-इस संवाद के संदर्भ में आप सबसे ज्यादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं?

जब किसी का बच्चा कमजोर होता है, तभी उसके मां-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है, तो उस टीचर से न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ...यह कोई मजबूरी तो है नहीं-प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है तर्क दीजिए।

रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि -

  • वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।

  • अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।

  • वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।

  • वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।


तो एक और आदोलन का मसला मिल गया - फुसफुसाकर कही गई यह बात-

(क) किसने किस प्रसंग में कही?

(ख) इससे कहने वाले की किस मानसिकता का पता चलता है।


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