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निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
देखो, तुम मुझे फिर गुस्सा दिला रहे हो रवि.....गलती करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता, जैसे लीला बेन और कांति भाई और हजारों-हजारों माँ-बाप। लेकिन सबसे बड़ा गुनहगार तो वह है जो चारों तरफ अन्याय, अत्याचार और तरह-तरह की धांधलियों को देखकर भी चुप बैठा रहता है, जैसे तुम। हमें क्या करना है, हमने कोई ठेका ले रखा तै दुनिया का। माई फुट, तुम जैसे लोगों के कारण ही तो इस देश में कुछ नहीं होता, हो भी नहीं सकता।
1. यह कथन किसका है और किसे कहा जा रहा है? प्रसगं बताइए।
2. वक्ता क्या बात समझाने का प्रयास कर रही है?.
3. वक्ता श्रोता पर क्या व्यंग्य करती है?


1. यह कथन रजनी का है। यह कथन वह अपने पति रवि को कह रही है। रजनी ट्यूशन के शिकार बच्चों की समस्या को उठाना चाह रही है तो उसका पति उससे कहता है कि क्या तुमने सारी दुनिया का ठेका ले रखा है। इस पर रजनी बिगड़ उठती है।
2. वक्ता (रजनी) यह समझाने का प्रयास कर रही है कि गलती करने वाला तो गुनहगार होता ही है, पर उसे सहन करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता है, अर्थात् यदि हम गलत बात को सहते हैं तो हम भी दोषी बनते हैं।
3. वक्ता अर्थात् रजनी श्रोता अर्थात् पति रवि पर यह व्यंग्य करती है कि तुम लोग अत्याचार को सहने के आदी हो चुके हो। तुम्हारी इसी कायरता के कारण देश में कुछ नहीं हो पाता अर्थात् अन्याय का विरोध नहीं हो पाता।

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ट्यूशन की शिकायत को निदेशक ने किस रूप में लिया और क्या कहकर टाल दिया?


निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
आप भी महसूस करते है न ऐसा ?... तो फिर साथ दीजिए हमारा। अखबार यदि किसी इश्यू को उठा ले और लगातार उस पर चोट करता रहे तो फिर वह थोड़े से लोगों की बात नहीं रह जाती। सबकी बन जाती है... आँख मूंदकर नहीं रह सकता फिर कोई उससे। आप सोचिए जरा, अगर इसके खिलाफ कोई नियम बनता है तो कितने पेरेंट्स को राहत मिलेगी...कितने बच्चों का भविष्य सुधर जाएगा, उन्हें अपनी मेहनत का फल मिलेगा, माँ-बाप के पैसे का नहीं शिक्षा के नाम पर बचपन से ही उनके दिमाग में यह तो नहीं भरेगा कि पैसा ही सब कुछ है...वे...वे...
1. यह बात कौन, किससे, कब कह रहा है?
2. कोई बात कब सबकी बन जाती हैँ?
3. वक्ता के प्रयासों का लाभ किसे मिलेगा?


निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
कैसी बात करती हो? मैं एक बार काट भी हूँ लेकिन अमित! अपने मुँह में डालने से पहले रसमलाई लेकर तुम्हारे फ्लैट में दौड़ता है। मैं कोई भी चीज घर में बनाऊँ या बाहर से लाऊँ, अमित जब तक तुम्हारे भोग नहीं लगा लेता, हम लोग खा थोड़े ही सकते हैं। रजनी आँटी तो हीरो हैं उसकी। 
1. यह संवाद कौन, किसको कह रहा है?
2. संवाद का पूर्व प्रसगं बताइए।
3. अमित आंटी को क्या समझता है?>


रजनी ने संपादक से क्या काम करने का आग्रह किया?


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