लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि यहाँ वर्षा बहुत कम होती है, बल्कि कभी-कभी ही होती है। वर्षा ऋतु यहाँ मन की साध पूरी नहीं करती। वर्षा के अभाव में यहाँ की धरती सूखी, ठंडी और बंजर रहती है।
यहाँ वर्षा का होना एक घटना की तरह माना जाता है। इसे सुखद संयोग की तरह देखा जाता है। वर्षा को देखकर स्पीति के लोग विशेष प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। वर्षा उनके लिए बहुत शुभ होती है।
स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं?
लेखक माने श्रेणी का नाम बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों हैं?
इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता। क्यों?