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शरद का मानवीकरण किस रूप में किया गया है?


कवि शरद का मानवीकरण करते हुए कहता है कि ऐसा लगता है कि शरद अपनी नई चमकदार साइकिल को तेज गति से चलाते हुए जोर-जोर से उसकी घंटी को बजाकर पतंग उड़ा रहे बच्चों को सुंदर संकेतों के माध्यम से बुला रहा है।

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शरद ने बच्चों के लिए क्या कर दिया है?


प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

सबसे तेज बौछारें गईं भादों गया

सवेरा हुआ

खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा

शरद आया पुलों को पार करते हुए

अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए

घंटी बजाते हुए जोर-जोर से

चमकीले इशारों से बुलाते हुए

पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को

चमकीले इशारो से बुलाते हुए और

आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

कि पतंग ऊपर उठ सके

दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन चीज उड़ सके

दुनिया का सबसे पतला कागज उड़ सके-

बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके-

कि शुरू हो सके सीटियों, किलकारियों और

तितलियों की इतनी नाजुक दुनिया


प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास

पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास

जब वे दौड़ते हैं बेसुध

छतों को भी नरम बनाते हुए

दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए

जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं

डाल की तरह लचीले वेग से अकसर

छतों के खतरनाक किनारों तक-

उस समय गिरने से बचाता है उन्हें

सिर्फ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत

पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज एक धागे के सहारे

पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं

अपने रंध्रों के सहारे

अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से

और बच जाते हैं तब तो

और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं

पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है

उनके बेचैन पैरों के पास।


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