‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है?
चिड़िया उड़ती है और फूल खिलता है। इसी प्रकार कविता कल्पना की उड़ान भरती है और फूल की तरह खिलती अर्थात् विकसित होती है। इस प्रकार दोनों में गहरा संबंध है। इसके बावजूद चिड़िया के उड़ने की सीमा है और फूल का खिलना उसे परिणति की और ले जाता है जबकि कविता के साथ ऐसा कोई बंधन नहीं है। कवि फूल की तरह खिलकर और चिड़िया की तरह उड़ान भरकर कविता को व्यापकता प्रदान करता है।
कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने’ क्या होते हैं?
‘भाषा को ससहूलियत’ से बरतने से क्या अभिप्राय है?
इस ‘कविता के बहाने’ बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है?
कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?