‘आलो आँधारि’ की नायिका बेबी हालदार एक घर में नौकरी करती है और भक्तिन लेखिका के घर में नौकरी करता है। यह दोनों में समानता है। बेबी हालदार ने सातवीं तक पढ़ाई करके छोड़ दी थी जबकि भक्तिन पूरी तरह से अनपढ़ है। बेबी हालदार ने तातुश कें कहने पर पढ़ना जारी रखा और एक दिन लेखिका बन गई जबकि भक्तिन ने अपने तर्क देकर पढ़ाई के प्रति अपनी अनिच्छा प्रकट कर दी। दोनों ने काफी कष्ट सहे, दोनों परिवारजनों की उपेक्षा के शिकार रहे, पर बेबी हालदार ने अपनी स्थिति सुधार ली जबकि भक्तिन जहाँ से शुरू हुई थी, वहीं रही।
भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई?
भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया?
दो कन्या-रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र-महिमा में अंधी अपनी जिठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अक्सर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है । क्या इससे आप सहमत हैं?