कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी समझ से इनका क्या औचित्य है?
कविता में कोष्ठकों में रखी पंक्तियाँ वैसे तो संचालक के संकेत हैं: जैसे-
वह अवसर खो देंगे - अपंग व्यक्ति को
यह प्रश्न पूछा नहीं जाएगा प्रश्नकर्त्ता को
आशा है आप उसे उसकी अपंगता की पीड़ा मानेंगे - दर्शकों को
कैमरा इसे दिखाओ बड़ा-बड़ा - कैमरामैन को
कैमरा बस करो.. - कैमरामैन को
हमारी समझ से इनका औचित्य यह है कि ये कथन टेलीविजन कार्यक्रम के संचालक के छद्म रूप को उजागर करते हैं। ये सामने वाले व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार बुलवाने का प्रयास करते हैं। कार्यक्रम का बहाना सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति होता है जबकि वे अपना उन्न सीधा करते हैं।
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है’-विचार कीजिए।
यदि शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक, दोनों एक साथ रोने लगेंगे, तो उससे प्रश्नकर्ता का कौन-सा उद्देश्य पूरा होगा?