बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले किन-किन परिवर्तनों को कविता रेखांकित करती है?
बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले निम्नलिखित परिवर्तनों को यह कविता रेखांकित करती है-
- बादलों की गर्जना होने लगती है।
- पृथ्वी में से पौधों का अंकुरण होने लगता है।
- मूसलाधार वर्षा होने लगती है।
- बिजली चमकती है तथा गिर भी जाती है।
- छोटे-छोटे पौधे हवा चलने के कारण हाथ हिलाते जान पड़ते हैं।
- कमल का फूल खिलता है तथा उससे जल की बूँदें टपकती हैं।
तिरती है समीर-सागर पर
अस्थिर सुख पर दुःख की छाया
जग के दग्ध हृदय पर
निर्दय विप्लव की प्लावित माया।