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स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।


स्वामी विवेकानंद भारत के महान समाज-सुधारक थे। व धर्म ज्ञान में विशेष स्थान रखते हैं। व भारत की विरासत पर गर्व करते थे। उन्होंने भारत के अतीत और वर्तमान के बीच सेतु का कार्य किया व जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण आधुनिक था। वे बंगला और अंग्रेज़ी के ओजस्वी वक्ता के साथ-साथ महान लेखक भी थे। वे रोबीले, शालीन और गरिमावान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उदास और पतित हिंदुओं के सहायक थे। 1893 में उन्होंने शिकागो में अंतररष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में भाग लिया, विदेशी भी उनके विचारों का सम्मान करते थे। उन्होंने एकेश्वरवाद का उपदेश दिया। वे वेद-उपनिषदों के ज्ञाता थे। धार्मिक कर्म-कांडों व अंधविश्वासों को मानने की उन्होंने घोर निंदा की। अपनै विचारों के कारण ही वे पूरे भारत में प्रसिद्ध हुए
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अंग्रेज़ों के समय भारत में कौन से दो मुख्य विभाग बने?
  • मालगुजारी व पुलिस
  • धर्म व राजनीति
  • भारतीयों व अंग्रेज़ों के शासकीय विभाग
  • भारतीयों व अंग्रेज़ों के शासकीय विभाग

अंग्रेज़ों ने भारत का प्रयोग किस रूप में किया?
  • एक उपनिवेश के रूप में
  • एक रहने के स्थान के रूप में
  • एक राजधानी के रूप में
  • एक राजधानी के रूप में

ब्रिटिश शासन सत्ता दूसरी विदेशी जातियों से कैसे भिन्न थी?
  • ब्रिटिश शासन सत्ता में भारतीयों के लिए कानून इंग्लैंड में बनते थे।
  • अंग्रेज़ों ने भारतीय सभ्यता व संस्कृति को नहीं अपनाया।
  • उनकी नीतियाँ केवल अपने लाभ हेतु थीं न कि भारतीयों के लिए।
  • उनकी नीतियाँ केवल अपने लाभ हेतु थीं न कि भारतीयों के लिए।

हर जिले में प्रमुख पद क्या घोषित हुआ?
  • सरपंच
  • कलेक्टर
  • राजनैतिक नेता
  • राजनैतिक नेता

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