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आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार समाचारों और कार्यक्रमों की सार्थकता पर तर्क सहित विचार लिखिए?


आजकल बहुत से समाचार पत्र व समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं इसका कारण यह है कि लोग ऐसे समाचारों को पढ़कर या देखकर सचेत हो जाएँ और अपने आस-पास के माहौल में ऐसा न होने दें। इन कार्यक्रमों से लोगों को साहस और शक्ति मिलती है। वर्तमान में टी.वी. के समाचार चैनल ‘आजतक’ में प्रत्येक समाचार को विस्तार से दिखाया जाता है जिससे लोगों को अपने आसपास के वातावरण में घटने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी रहती है। दूसरी ओर घरेलू व कानून संबंधी कार्यक्रम भी समाज की सच्चाई का प्रदर्शन करते हैं। इस क्षेत्र में समाचार पत्र भी अपनी विशेष भूमिका निभाते हैं।
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लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं है। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?

समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और टेलीविज़न पर आपने ऐसी अनेक घटनाएँ देखी-सुनी होंगी जिनमें लोगों ने बिना किसी लालच के दूसरों की सहायता की हो या ईमानदारी से काम किया हो। ऐसे समाचार तथा लेख एकत्रित करें और कम-से-कम वो घटनाओं पर अपनी टिप्पणी लिखें।

लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे के टिकट बाबू और बस कंडक्टर की अच्छाई और ईमानदारी की बात बताई है। आप भी अपने या अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के खारे में बताइए जिसमें किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के कार्य किए हों।

दोषों का पर्दाफ़ाश करना कब बुरा रूप ले सकता है?

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