भारतवर्ष की क्या विशेषता रही है?
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सच्चाई व ईमानदारी को गलत ठहराना।
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भौतिक वस्तुओं की बजाय नैतिक मूल्यों को महत्व दिया जाता है।
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भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना
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भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना
B.
भौतिक वस्तुओं की बजाय नैतिक मूल्यों को महत्व दिया जाता है।
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चरम और परम किसे माना गया है?
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जो ऊँचाई पर हो चरम, जो नीचे हो परम।
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जो चाहत हो वह चरम, जो न चाहने वाला हो परम।
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जो सबसे ऊँचा हो, अग्रणी हो वह चरम व जो सबसे प्रधान हो परम।
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जो सबसे ऊँचा हो, अग्रणी हो वह चरम व जो सबसे प्रधान हो परम।
लेखक की समाज के प्रति क्या सोच है?
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समाज में अभी भी ईमानदारी है।
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भ्रष्टाचार भी बढ़ता जा रहा है।
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मानवीय भावनाओं को समाप्त नहीं किया जा सकता।
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मानवीय भावनाओं को समाप्त नहीं किया जा सकता।
कंडक्टर बस को छोड्कर साइकिल पर कहाँ गया?
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डाकुओं को बुलाने।
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एक खाली बस व छोटे बच्चों के लिए दूध आदि लेने।
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लोगों से डर कर भाग गया।
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लोगों से डर कर भाग गया।
‘क्या निराश हुआ जाए’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
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लोग स्वार्थी हो गए हैं।
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मानवीय भावनाएँ समाप्त हो रही हैं।
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ईमानदार लोगों को मूर्ख समझा जाने लगा है।
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ईमानदार लोगों को मूर्ख समझा जाने लगा है।