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साइकिल चलाने का आंदोलन कैसा था?


तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले के किलाकुरुचि गाँव में साइकिल प्रशिक्षण शिविर देखने का अनुभव असाधारण था। एक बड़ी संख्या में औरतें साइकिल सीखने हेतु एकत्र हुईं। जो महिलाएँ साइकिल चलाना सीख चुकी थीं वे दूसरों को भी सीखने में पूरा पूरा सहयोग दे रही थीं। सीखने-सिखाने की प्रबल इच्छा जागृत थी। वे नव साइकिल चालक संबंधी गीत भी गा रही थीं जिससे दूसरों को प्रोत्साहन मिले। इस प्रकार यह कार्य एक आदोलन का रूप ग्रहण कर चुका था।
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‘साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन’ इससे आप क्या समझते हैं?

साइकिल चलाने से संबंधित कैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया?

 

‘साइकिल ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया’-कैसे?

महिलाओं द्वारा साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति कैसे मिली?

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