टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य को लिखें।
गवरइया को कूड़े के ढेर पर चुगते-चुगते कई का एक फाहा मिल गया। उसे लगा कि अब वह अपनी टोपी पहनने की इच्छा पूरी कर सकेगी। सबसे पहले वह धुनिए के पास गई। उसने रुई को धुनवाया, इसके बाद वह कोरी के पास सूत कतवाने गई। सूत कत जाने पर वह बुनकर को खोजने लगी। बुनकर के मिलने पर उसने बहुत सुंदर कपड़ा बुनवाया फिर गई वह दर्जी के पास। दर्जी से प्रार्थना करने पर गवरइया की फुँदने वाली सुंदर टोपी तैयार हो गई। इन सबके कार्यों के लिए गवरइया ने सही पारिश्रमिक भी दिया।
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