निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी
टुकड़े चबा रहा है सी है वो भी आदमी
कवि इस पंक्तियों के माध्यम से क्या कहना चाह रहा है?
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आदमी का मिला जुला रूप
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आदमी के विविध रूप
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परिश्रम का भाग्य पर प्रभाव
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परिश्रम का भाग्य पर प्रभाव