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निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?


जेल से छूटने के बाद उसने अपनी बच्ची को घर में नहीं पाया। लोगों के बताने के अनुसार वह शमशान भागते हुए गया पर वहाँ उसके सगे-सम्बन्धी पहले ही उस मृतक सुखिया का दाह-संस्कार कर चुके थे। वहाँ सुखिया की चिता बुझी पड़ी थी। उसकी फूल-सी कोमल बच्ची राख की ढेरी के रूप में परिवर्तित हो चुकी थी।
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निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
(क) कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
(i) सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय काँप उठता था।
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(ii) पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा।
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(iii) पुजारी से प्रसाद/ फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन: स्थिति।
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(iv) पिता की वेदना और उसका पश्चाताप।
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बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?

सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का केंद्रीय भाव शब्दों में लिखिए।

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