CBSE
Gujarat Board
Haryana Board
Class 10
Class 12
बालक भारती बाहर की पुस्तके और पत्र-पत्रिकाए ही ज्यादा पढ़ने थे | माँ को चिन्ता रहती की बीना कक्षा की किताबे पढे लड़का पास कैसे होगा ? एक दिन पिता ने पुत्र से वादा कराया की वह पाठ्यक्रम की किताबे में भी ध्यान से पढ़ेगा और माँ की चिन्ता दूर करेगा | बालक भारत पर इसका असर हुआ | उन्होने जी-तोड़ परिश्रम किया, जिससे तीसरी और चौथी कक्षा में उनके अच्छे अंक आए | पाँचवी कक्षा में वे फर्स्ट आए तो माँ की आंखों में आँसू आ गए उसने बेटे को गले से लगा लिया |
इस प्रकार स्कूली पढ़ाई पर माँ के ज़ोर देने से बालक भारती पाठ्यक्रम की पुस्तके भी ध्यान से पढ़ने लागे और उन्होने माँ की चिन्ता दूर की |