CBSE
Gujarat Board
Haryana Board
Class 10
Class 12
कर्ण त्यागी और दानी पुरुष है | वैभव-विलास मे उसकी रुचि नही है | राज्य मिलने पर सिरा पर अनेक चिंताए सवार हो जाती है | बस थोड़े समय के लिए हंसी-खुशी, चमक-दमक और भोग-विलास की सामग्री उपलब्ध हो जाती है | कर्ण इन क्षणभंगुर वस्तुओ को तुच्छ समजता है | इसलिए उसे राज्य की इच्छा नही है |