कवि ने ‘श्री ब्रजदूलह’ किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?
कवि ने श्री कृष्ण के लिए ‘श्री ब्रज दूलह’ का प्रयोग किया है। श्री कृष्ण ब्रह्म स्वरूप है और सृष्टि के कण-कण में समाए हुए हैं। सारी सृष्टि उन्हीं की लीला का परिणाम है। सभी सृष्टि उनकी प्रेम, करुणा और दया का परिणाम है। वे प्रत्येक प्राणी के जीवन के आधार हैं और सभी की आत्मा में उन्हीं का वास है। इसीलिए उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक कहा गया है।
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