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किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्वि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।


हर क्षेत्र में प्रसिद्वि पाने के लिए लोगों को अनेक लोगों की सहायता लेनी ही पड़ती है। हम सामाजिक प्राणी हैं और समाज में रहते हैं। इसलिए दूसरों की सहायता और उनके योगदान के बिना जीवन की राह में आगे नहीं बढ़ सकते। कल्पना चावला के नाम को आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि सारे संसार में प्रसिद्वि प्राप्त हो चुकी है। उसकी प्रसिद्वि का आधार तो वह स्वयं ही है पर उसे उसके जीवन में अनेक लोगों ने योगदान दिया था। सबसे पहला योगदान तो उसके माता-पिता और भाई ने दिया। उसके हरियाणा के करनाल में स्थित स्कूल टैगोर बाल निकेतन और कॉलेज दगाल सिंह कॉलेज के शिक्षकों ने उसकी पढ़ाई में योगदान दिया। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ ने उसकी शिक्षा में योगदान दिया। नासा ने उसे सफलता प्राप्ति के लिए भरपूर योगदान दिया न जाने कितने लोगों के योगदान को प्राप्त करके ही वह अपनी मंजिल तक थी। योगदान तो सभी को मिल जाता है पर आत्मिक बल और परिश्रम की सबसे अधिक आवश्यकता होती तभी प्रसिद्वि की प्राप्ति होती है।
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संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?

भाव स्पष्ट कीजिए:
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।


संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?

संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?

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