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किन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि उनकी शुटिंग में कोई तरकीब अपनाई गई है?


पहला दृश्य-रेलगाड़ी के दृश्य में दर्शक उसमें अपनाई गई तरकीब को नहीं पहचान पाते । रेलगाड़ी के शॉट के लिए तीन रेलगाड़ियों का प्रयोग किया गया था । अनिल बाबू इंजन ड्राइवर के केबिन में चढ़कर शूटिंग स्थल तक पहुँचने पर बायलर में कोयला डलवाते थे ताकि काला धुआँ निकले । सफेद काशफूलों की पृष्ठभूमि पर काला धुआँ दर्शाना था । दर्शक यह नहीं पहचान पाता कि इस सीन के लिए तीन रेलगाड़ियों का प्रयोग किया गया है ।
दूसरा दृश्य-' आभूलो' कुत्ते का दृश्य । इस दृश्य में पहले कुत्ते (भूलो) के बीच में मर जाने पर दूसरे कुत्ते से काम लिया गया । एक ही सीन में दो अलग- अलग कुत्तों से काम लेने को दर्शक नहीं पहचान पाते । लेखक की तकरीब काम आ गई ।

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पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला?

फिल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के बाद किस प्रकार फिल्माया गया?


अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल कैसे बैठता? उनमें से 'कंन्टिन्यूइटी नदारद हो जाती है-इस कथन के पीछे क्या भाव है?

बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ?


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