कवि ने चंपा की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
कवि ने चंपा की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया है-
1. चंपा अनपढ़ है और इसी स्थिति में रहना चाहती है।
2. वह पढ़ी गई बातों को भली प्रकार समझ लेती है।
3. चम्पा स्पष्टवक्ता है। वह अपनी बात घुमा-फिराकर नहीं कहती, स्पष्ट रूप में कहती है।
4. चम्पा शोषक व्यवस्था के प्रतिपक्ष में खड़ी हो जाती है।
5. वह अपने भविष्य को सुरक्षित कर लेना चाहती है।
6. वह कामकाजी है, चरवाही का काम करती है।
चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता कि गांधी बाबा ने पढ़ने-लिखने की बात कही होगी?
यदि चंपा पड़ी-लिखी होती, तो कवि से कैसे बातें करती?
आपके विचार में चंपा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मैं तो नहीं पढूँगी?
चंपा ने ऐसा क्यों कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे?