प्रस्तुत कविता आदिवासी समाज की किन बुराइयों की ओर संकेत करती है?
प्रस्तुत कविता आदिवासी समाज की निम्नलिखित बुराइयों की ओर संकेत करती है-
1 यहाँ के लोग शहरी प्रभाव में आते चले जा रहे हैं।
2. उनके जीवन में उत्साह का अभाव झलकता है।
3. वे अपने अस्त्र-शस्त्रों को त्यागते चले जा रहे हैं।
4. उनके जीवन में अविश्वास की भावना भरती जा रही है।
दिल के भोलेपन के साथ-साथ अक्खड़पन और जुझारूपन को भी बचाने की आवश्यकता पर क्यों बल दिया गया है?
भाषा में झारखंडीपन से क्या अभिप्राय है?