कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि जब पतंग उड़ती है तो बच्चों का मन भी उसके साथ उड़ता है। पतंग उड़ाते समय वे अत्यधिक उत्साहित हो जाते हैं। उनका मन भी पतंग के साथ- साथ उड़ता है। बच्चे पतंग के साथ पूरी तरह जुड़े रहते हैं। इसके साथ उनका अटूट संबंध बन जाता है। पतंग के आकाश में ऊपर जाते समय बच्चों का मन भी हिलोरे लेने लगता है। उन्हें पतंग के अतिरिक्त और कुछ दिखाई नहीं देता।
बिंब स्पष्ट करें-
सबसे तेज बौछारें गईं भादों गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके।
सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन बीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है?
‘सबसे तेज बौछारें गयी, भादों गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों मे करें।