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पत्र धरोहर हो सकते हैं लेकिन एसएमएस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए।


पत्र को धरोहर कह सकते हैं क्योंकि इन्हें सहेज कर रखा जा सकता है। उपयोगी व शिक्षाप्रद पत्रों को पुस्तक के रूप में भी रखा जा सकता है। जैसे गाँधी जी के पत्र एवं जवाहरलाल नेहरू द्वारा इंदिरा को लिखे गए पत्र आज तक सहेजे हुए हैं। ये पुस्तक के रूप में पुस्तकों की दुकानों व प्रत्येक सार्वजनिक पुस्तकालय में प्राप्त हो सकते हैं। जबकि एस.एम.एस भले ही लिखित रूप में हो लेकिन हम उन्हें स्थाई रूप में सहेज कर नहीं रख सकते। यदि कंप्यूटर के द्वारा सहेजना चाहें भी तो यह प्रक्रिया बहुत जटिल व महँगी पड़ती है।
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पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता?

पत्र को खत, कागद, उत्ताम, जादू, लेख, कडिद, पाती, चिट्टी इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।

पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हए? लिखिए।

क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?

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