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एक भाव में रहकर सुख और दुख दोनों पीने का भावार्थ क्या है, कविता की पंक्तियों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।


कवि के अनुसार वीर पुरुषों के मन में केवल आजादी या आजादी हेतु बलिदान की भावना ही जागृत होती है। सांसारिक सुख-दुख के भावों से उन्हें कोई वास्ता नहीं होता वे सुख-दुख दोनों को समान महत्व देते हैं।
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दीवाने शब्द किनके लिए प्रयुक्त हुआ है? उनका अपने जीवन में लक्ष्य क्या है?

वे मस्ती में जीवन क्यों जीते हैं?

उन्होंने संसार को भिखमंगा क्यों कहा है?

वे हृदय पर असफलता की कैसी निशानी रखते हैं?

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