Advertisement

भारतीय किसान अफ़ीम की खेती के प्रति क्यों उदासीन थे? 


भारतीय किसान अफ़ीम की खेती के लिए निम्नलिखित कारणों से उदासीन थे:

(i) सबसे पहले किसानों को अफ़ीम की खेती के लिए सबसे उर्वर ज़मीन पर करनी होती थी। खासतौर पर ऐसी ज़मीन पर जो गाँव के पास पड़ती थी। आमतौर पर ऐसी उपजाऊ ज़मीन पर किसान दाल पैदा करते थे। अच्छी और उर्वर ज़मीन पर अफ़ीम बोने का मतलब दाल की पैदावार से हाथ धोना था। उन्हें दाल की फ़सल के लिए कम उर्वर ज़मीन का इस्तेमाल करना पड़ रहा था। खराब ज़मीन में दालों का उत्पादन न केवल अनिश्चित रहता था बल्कि उस की पैदावार भी काफी कम रहती थी।

(ii) दूसरे बहुत सारे किसानो के पास ज़मीन थी ही नहीं। अफ़ीम की खेती के लिए ऐसे किसानों को भू-स्वामियों को लगान देना पड़ता था। वे इन भूस्वामियों से बटाई पर ली गई ज़मीन पर अफ़ीम उगाते थे। गाँव के पास की ज़मीन की लगान दर बहुत ऊँची रहती थी।

(iii) तीसरे अफ़ीम की खेती बहुत मुश्किल से होती थी। अफ़ीम के नाज़ुक पौधों को जिंदा रखना बहुत मेहनत का काम था। अफ़ीम बोने के बाद किसान दूसरी फ़सलों पर ध्यान नहीं दे पाते थे।

(iv) अंत में, सरकार अफ़ीम बोने के बदले किसानों को बहुत कम दाम देती थी। किसानों के लिए सरकारी मूल्य पर अफ़ीम पैदा करना घाटे का सौदा था।

253 Views

Advertisement

अमेरिका में फ़सल काटने वाली मशीनों के फ़ायदे-नुकसान क्या-क्या थे?


अंग्रेज़ अफ़ीम की खेती करने के लिए भारतीय किसानों पर क्यों दवाब दाल रहे थे?  


अमेरिका में गेहूँ की खेती में आएं उछाल और बाद में पैदा हुए पर्यावरण संकट से हम क्या सबक ले सकते हैं?


First 0 1 Last
Advertisement