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इस कविता में किन-किन को गीत गाने वाला कहा गया है?


इस कविता में कलकल करती नदी, प्रकृति से प्रसन्न होकर गाने वाले शुक, तथा आल्हा-गीत गाने वाले प्रेमी को गीत गाने वाला कहा गया है।
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‘गीत-अगीत’ कविता में प्राकृतिक सौंदर्य व मानवीय प्रेम की अभिव्यक्ति किन भावों में की गई है? अपने शब्दों में लिखिए।

अगीत की स्थिति किन-किन पात्रों में घटित होती है?

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसका भाव पक्ष लिखिए
गीत, अगीत, कौन सुदंर है?
गाकर गीत विरह के तटिनी
वेगवती बहती जाती है,
दिल हलका कर लेने को
उपलों से कुछ कहती जाती है।
तट पर एक गुलाब सोचता,
“देते स्वर यदि मुझे विधाता,
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जंग को गीत सुनाता!”

गा-गाकर बह रही निर्झरी,
पाटक मूक खड़ा तट पर है।
गीत, अगीत, कौन सुदंर है?



निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य लिखिए
गीत, अगीत, कौन सुदंर है?
गाकर गीत विरह के तटिनी
वेगवती बहती जाती है,
दिल हलका कर लेने को
उपलों से कुछ कहती जाती है।
तट पर एक गुलाब सोचता,
“देते स्वर यदि मुझे विधाता,
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जंग को गीत सुनाता!”

गा-गाकर बह रही निर्झरी,
पाटक मूक खड़ा तट पर है।
गीत, अगीत, कौन सुदंर है?



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