(क) पाठ-वैज्ञानिक चेतना के वाहक: चंन्द्रशेखर वेंकट रामन्, लेखक-धीरंजन मालवे।
(ख) रामन् ने खोजा कि जब एकवर्णीय प्रकाश की किरणें किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ में से गुजरती है तो उनका रंग बदलने लगता है।
(ग) जब ठोस, रवे या तरल पदार्थ में से एकवर्णीय प्रकाश- की किरणें गुजरती हैं तो प्रकाश के फोटॉन इनके अणुओं से टकराते हैं। इस टकराव के कारण या तो ये अपनी ऊर्जा का कुछ अंश खो देते है या पा लेते है। इसी कमी या वृद्धि के कारण वर्ण में परिवर्तन होता है।
(घ) विभिन्न एकवर्णीय प्रकाश की किरणों की ऊर्जा भिन्न-भिन्न होती है। बैंजनी रंग में सर्वाधिक ऊर्जा होती है। उसके बाद क्रमश: नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी, और लाल रंग में ऊर्जा होती है। लाल रंग का एकवर्णीय प्रकाश सबसे कम ऊर्जावान होता है।