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निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती हैं?


‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता को पढ़कर’ हमारे मन में मनुष्य के प्रति यही छवि बनती है कि संसार में अनेक प्रकार के अच्छे व बुरे दोनों तरह के कार्य करने वाले होते हैं। मनुष्य परिस्थितियों और भाग्य का दास होता है। उसकी परिस्थितियाँ ही उसे बादशाह बनाती हैं या फकीर बना देती हैं। मनुष्य शैतान भी है और फरिश्ते भी, धनी भी और निर्धन भी, अच्छे भी और बुरे भी; साधु भी और चोर भी, गुरू भी, शिष्य भी, कुर्बानी देने वाले भी और कुर्बानी लेने वाला मनुष्य भी इस संसार में है। मनुष्यों की इस विषमता के कारण ही संसार में पाप भी है और पुण्य भी। धर्म भी है और अधर्म भी।
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निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
चारों छदं में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
पहले छदं में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है? क्रम से लिखिए।

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

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