"शात्री जी का सपूर्ण जीवन श्रम, सेवा, सादगी, और समर्पण का अनुपम उदाहरण है |"
शास्त्री जी कर्मा ईश्वर मानकर उसकी पूजा के रूपा में श्रम करते थे | देश और समाज की सेवा में ही उन्हें जीवन की सार्थकता लगती थी | उन्हें सादा भोजन और सादा पहनावा ही पसंद था | उन्होंने जो कुछ किया पूरी निष्ठा और लगन से किया | उनकी ये विशेषताए बहुत काम लोगो में पाई जाती है |
Advertisement
"शास्त्री जी को निष्काम कर्मयोई कहना अधिक उचित है |"
"शास्त्री जी का व्यक्तित्व बापू के अधिक करीबा था |"
अगर महात्मा गांधी आपके स्वप्न में आए तो आप उनसे कौन-कौन से प्रश्न पूछेंगे ? और महात्मा गांधी क्या-क्या उत्तर देंगे ? सोचिए और बताइए |
संवाद को आगे बधाईए | (जिसमे काम-से-काम-आठ से दस प्रश्न और जवाब हो )