निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ?
व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ–हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं, पर क्या वे ऊपर चढ़ते हैं? खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर ले चलें यही महत्व की बात है।
(क) व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग क्यों रहते हैं?
(ख) महत्व की बात क्या है? और क्यों?
(ग) व्यवहारवादी और आदर्शवादी लोगों में क्या अन्तर है?
विद्यालय में स्वच्छता अभियान चलाने के लिए योजनाबद्ध कार्यक्रम के निर्धारण हेतु सभी कक्षाओं के प्रतिनिधियों की बैठक के लिए समय, स्थान आदि के विवरण सहित सूचना लगभग 30 शब्दों में तैयार कीजिए।
'क–ख–ग' कम्पनी द्वारा निर्मित जल की विशेषताएँ बताते हुए एक विज्ञापन का आलेख लगभग 25 शब्दों में लिखिए।
'सपनों के से दिन' पाठ में हेडमास्टर शर्मा जी की, बच्चों को मारने–पीटने वाले अध्यापकों के प्रति, क्या धारणा थी? जीवन–मूल्यों के संदर्भ में उसके औचित्य पर अपने विचार लिखिए।
दिए गए संकेत–बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर 80–100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए:
(क) शिक्षक–शिक्षार्थी संबंध
– प्राचीन भारत में गुरू–शिष्य संबंध
– वर्तमान युग में आया अन्तर
– हमारा कर्त्तव्य
(ख) मित्रता
– आवश्यकता
– मित्र किसे बनाएँ
– लाभ
(ग) युवाओं के लिए मतदान का अधिकार
– मतदान का अधिकार क्या और क्यों?
– जागरूकता आवश्यक
– सुझाव
दूरदर्शन निदेशालय को पत्र लिखकर अनुरोध कीजिए कि किशोरों के लिए देशभक्ति की प्रेरणा देने वाले अधिकाधिक कार्यक्रमों को प्रसारित करने की ओर ध्यान दिया जाय।
खाद्य–पदार्थों में मिलावट के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के संबंध में मित्र से हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में प्रस्तुत कीजिए।
गौरवः आज इतनी जल्दी में कहाँ जा रहे हो?
राजेंद्रः गौरव! बस अस्पताल जा रहा हूँ।
गौरवः क्या हुआ?
राजेंद्रः मित्र! मेरे चाचाजी अस्पताल में हैं। कल अचानक उनके पेट में दर्द होने लगा। अतः उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। वहाँ जाकर पता चला कि मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से उनकी तबीयत खराब हो गई है। उन्होंने जो भी खाया था, उसमें जहरीले पदार्थ अधिक मात्रा में शामिल थे। घर जाकर पता चला कि उन्होंने खाने का नया तेल प्रयोग किया था। उसी में कुछ जहरीले पदार्थ शामिल थे। हमने पुलिस में रिपोर्ट लिखवायी। पुलिस द्वारा जब तेल की जाँच करवायी गई, तो यह बात पता चली। हम तो परेशान हो गए हैं। सारे खाद्य पदार्थों में मिलावट होने लगी है। अब तो डर लगता है।
गौरवः मित्र! यह तुम सही कह रहे हो। आजकर खाद्य पदार्थों में मिलावट के कारण अनेक प्रकार की समस्या हो रही है। एलर्जी, पेट संबंधी, यहाँ तक की कैंसर की बीमारी भी इस मिलावट की देन है। यदि हमने शीघ्र कुछ नहीं किया, तो हमारे बच्चे इस मिलावट के कारण अपनी पूरी जिंदगी नहीं जी पाएँगे क्योंकि यह मिलावट कहीं न कहीं उन्हें अंदर से खोखला बना रही है।
राजेंद्रः तुमने बिलकुल सही कहा। सरकार को चाहिए कि इस दिशा में सख्त कानून बनाए और उन कानूनों को सख्ती के साथ लागू करें। हमें भी मिलकर इस समस्या के प्रति कुछ-न-कुछ करना पड़ेगा तभी मिलावट करने वालों लोगों की नाक में नकेल कसी जा सकेगी।
गौरवः यह तुमने बिलकुल सही कहा।
राजेंद्रः कल हम सब मिलकर इस विषय पर बैठकर बात करते हैं। मैं अपनी सोसाइटी के सभी लोगों को एकत्र करता हूँ। कल तुम अवश्य आना।
गौरवः अवश्य आऊँगा। अच्छा मित्र अभी चलता हूँ, कल मिलूँगा।
राजेंद्रः अच्छा मित्र।