निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर।
इन पंक्तियों में मीरा ने कृष्ण से अपने दुख दूर करने की प्रार्थना की है। हे भक्त वत्सल जैसे - डूबते गजराज को बचाया और उसकी रक्षा की वैसे ही आपकी दासी मीरा प्रार्थना करती है कि उसकी पीड़ा दूर करो। ब्रज भाषा मिश्रित राजस्थानी भाषा का प्रयोग किया गया है। 'काटी कुण्जर' में अनुप्रास अलंकार है, भाषा सरल तथा सहज है। संपूर्ण पद में दृष्टांत अलंकार का प्रयोग दृष्टव्य है।
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