निम्नलिखित पद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-हम भिखमंगों की दुनिया में,स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले,हम एक निसानी-सी उर पर,ले असफलता का भार चले।अब अपना और पराया क्या?आबाद रहें रुकनेवाले!हम स्वयं बँधे थे और स्वयंहम अपने बंधन तोड़ चले।पद्यांश में कैसे बंधन तोड़ने की बात कही गई है? - Zigya
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निम्नलिखित पद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम भिखमंगों की दुनिया में,

स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले,
हम एक निसानी-सी उर पर,
ले असफलता का भार चले।

अब अपना और पराया क्या?
आबाद रहें रुकनेवाले!
हम स्वयं बँधे थे और स्वयं
हम अपने बंधन तोड़ चले।
पद्यांश में कैसे बंधन तोड़ने की बात कही गई है?
  • देश के लोगों से जातीयता के बंधन
  • बंद जेलों के बंधन
  • सगे-संबधियों सै प्रेमभाव के क्योंकि वे स्वतंत्रता की राह पर बढ़ना चाहते हैं।
  • सगे-संबधियों सै प्रेमभाव के क्योंकि वे स्वतंत्रता की राह पर बढ़ना चाहते हैं।


C.

सगे-संबधियों सै प्रेमभाव के क्योंकि वे स्वतंत्रता की राह पर बढ़ना चाहते हैं।
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