भगवाना की माँ की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
भगवान की माँ एक अत्यन्त गरीब घर की विधवा बुढ़िया है। उसके घर को चलाने वाला एकमात्र उसका बेटा भगवाना सांप के काटने से मर जाता है। वह उसे बचाने की पूरी कोशिश करती है। उसे बचाने घर में जो बचा होता वह भी सब समाप्त हो जाता है, उसे अपने पुत्र, पुत्र वधू पोता-पोती से बहुत स्नेह करती है। परिवार के सदस्यों की भूख मिटाने के लिए वह पुत्र की मृत्यु के अगले ही दिन अपना दुःख भूलकर बाजार में खरबूजे बेचने आ जाती है। वह हर स्थिति का साहसपूर्वक सामना करने के लिए तैयार है। वह एक ममतामयी व साहसी महिला है।
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