रैदास की भक्ति दास्य भाव की है-सिद्ध कीजिए। - Zigya
Advertisement

रैदास की भक्ति दास्य भाव की है-सिद्ध कीजिए।


दास्य भक्ति के अंतर्गत भक्त स्वयं को लघु, तुच्छ और दास कहता है तथा प्रभु को दीन दयालु, भक्त वत्सल कहता है। वे स्वयं को पानी और प्रभु को चंदन मानते हैं। वे स्वयं को मोर जैसा तुच्छ और प्रभु को धने वन जैसा विराट मानते हैं। वे प्रभु को गरीब निवाजु: निडर व दयालु कहते हैं ये सब दास्य भक्ति के भाव हैं।
2322 Views

Advertisement

अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास

Hope you found this question and answer to be good. Find many more questions on अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास with answers for your assignments and practice.

स्पर्श भाग १

Browse through more topics from स्पर्श भाग १ for questions and snapshot.